श्री राम जी के स्वागत में
(Ramlalamandir)
सुमन वृष्टि नभ संकुल भवन चले सुखकंद।
चढ़ी अटारिन्ह देखहिं नगर नारि नर वृंद॥
कंचन कलस विचित्र सँवारे।
सबहिं धरे सजि निज निज द्वारे॥
बंदनवार पताका केतू।
सबन्हि बनाए मंगल हेतू॥
बीथीं सकल सुगंध सिंचाई।
गजमनि रचि बहु चौक पुराई॥
नाना भाँति सुमंगल साजे।
हरषि नगर निसान बहु बाजे॥
जँह तँह नारि निछावरि करहीं।
देहि असीस हरष उर भरहीं॥
कंचन थार आरती नाना।
जुबतीं सजें करहीं सुभ गाना॥
करहीं आरती आरतिहर कें।
रघुकुल कमल बिपिन दिनकर कें॥
पुर सोभा संपति कल्याना।
निगम सेष सारदा बखाना॥
तेउ यह चरित देखि ठगि रहहिं।
उमा तासु गुन नर किमि कहहिं॥
नारि कुमुदिनीं अवध सर रघुपति विरह दिनेस।
अस्त भएँ बिगसत भईं निरखि राम राकेस॥
होहिं सगुन सुभ बिबिध बिधि बाजहिं गगन निसान।
पुर नर नारि सनाथ करि भवन चले भगवान॥
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राम मंदिर: एक भव्य निर्माण कथा
राम मंदिर: एक भव्य निर्माण कथा
राम मंदिर(Ramlalamandir) भारत के उत्तर प्रदेश के अयोध्या में स्थित, हिंदू धर्म के प्रमुख देवता राम के जन्मस्थल पर एक नया मंदिर बन रहा है। इस पवित्र स्थान का इतिहास बहुत प्राचीन है और यह बाबरी मस्जिद के विध्वंस के बाद से चर्चा का केंद्र बना हुआ है।
इतिहास का संवेदनशील पन्ना:
राम मंदिर(Ramlalamandir) भारतीय सांस्कृतिक और धार्मिक इतिहास का सागर है , जो हिंदू धर्म के महानायक राम के जन्मस्थल पर निर्मित हो रहा है। यहां पहले बाबरी मस्जिद थी, जो गैर-इस्लामी ढांचे को ध्वस्त करने के बाद राम मंदिर के निर्माण की योजना बनी।
विवादित स्थल और न्याय:
1949 में हुई मूर्तियों की स्थापना के बाद ही इस स्थल पर विवाद शुरू हुआ, और 2019 में भारतीय सर्वोच्च न्यायालय ने राम मंदिर के लिए विवादित भूमि को हिंदुओं को सौंपने का फैसला किया।अदालत ने साक्ष्य के रूप में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की एक रिपोर्ट का हवाला दिया, जिसमें ध्वस्त बाबरी मस्जिद के नीचे एक संरचना की उपस्थिति का सुझाव दिया गया था, जो गैर- इस्लामिक पाया गया था इसके साथ ही मुस्लिमों को अलग स्थान पर मस्जिद बनाने के लिए जमीन दी गई।
निर्माण की शुरुआत:
2020 में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राम मंदिर के निर्माण का शिलान्यास किया, जिससे एक नया अध्याय शुरू हुआ। वर्तमान में, श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के द्वारा मंदिर का निर्माण हो रहा है, जिसका उद्घाटन 22 जनवरी 2024 को होने की योजना है।
राम मंदिर का निर्माण एक सांस्कृतिक और धार्मिक ऊर्जा का प्रतीक है, जो हिंदू समाज को एक समृद्धि और एकता की ओर बढ़ाने का संकेत करता है। यह मंदिर (Ramlalamandir) न केवल भगवान राम के समर्थन में है, बल्कि एक नए भव्य भविष्य की शुरुआत को दर्शाता है।
राम मंदिर के बारे संक्षिप्त में जानकारी
- देश -भारत
- राज्य – उत्तरप्रदेश
- लोकेशन – रामजन्मभूमि
- Geographic coordinates – 26.7956°N 82.1943°E
- मंदिर 235 फीट (72 मीटर) चौड़ा, 360 फीट (110 मीटर) लंबा और 161 फीट (49 मीटर) ऊंचा होगा।
सीढ़ियों की चौड़ाई 16 फीट (4.9 मीटर) होगी | मंदिर के निर्माण में लोहे का कोई उपयोग नहीं होगा और पत्थर के खंडों को जोड़ने के लिए दस हजार तांबे की प्लेटों की आवश्यकता होगी।
इमारत में कुल 366 कॉलम होंगे। स्तंभों में प्रत्येक में 16 मूर्तियाँ होंगी जिनमें शिव के अवतार , 10 दशावतार , 64 चौसठ योगिनियाँ और देवी सरस्वती के 12 अवतार शामिल होंगे ।
- इसे नागर शैली की वास्तुकला की गुर्जर – चालुक्य शैली में डिज़ाइन किया गया है , जो एक प्रकार की हिंदू मंदिर वास्तुकला है जो मुख्य रूप से उत्तरी भारत में पाई जाती है।
- यह नया डिजाइन 2020 में सोमपुरा द्वारा तैयार किया गया है।
- मंदिर की मुख्य संरचना तीन मंजिला ऊंचे चबूतरे पर बनाई जाएगी। इसमें गर्भगृह के मध्य में और प्रवेश द्वार पर पांच मंडप होंगे । एक तरफ तीन मंडप कुडु , नृत्य और रंग के होंगे , और दूसरी तरफ के दो मंडप कीर्तन और प्रार्थना के होंगे । नागर शैली में मंडपों को शिखरों से सजाया जाता है ।

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