भारत के प्राचीन मंदिर भारतीय संस्कृति, कला और धर्म का प्रतीक हैं। इन मंदिरों का इतिहास भारत की समृद्ध वास्तुकला और धर्म की गहराई को दर्शाता है। ये मंदिर न केवल धार्मिक स्थल हैं बल्कि हमारे अतीत की कहानियों, परंपराओं और समाज की झलक भी देते हैं। आइए, कुछ प्रमुख प्राचीन मंदिरों और उनके इतिहास पर नज़र डालते हैं:
1. कोणार्क सूर्य मंदिर (ओडिशा)
निर्माण काल: 13वीं सदी
निर्माता: गंग वंश के राजा नरसिंहदेव प्रथम
विशेषता: यह मंदिर रथ के आकार में बना है और इसे सूर्य देवता को समर्पित किया गया है। इसमें विशाल पहिए और घोड़ों की संरचना अद्भुत कला का उदाहरण है। इसे विश्व धरोहर स्थल का दर्जा प्राप्त है।
2. बृहदेश्वर मंदिर (तमिलनाडु)
निर्माण काल: 11वीं सदी
निर्माता: चोल राजा राजराजा चोल I
विशेषता: यह मंदिर शिव को समर्पित है और इसकी ऊंचाई 66 मीटर है। इसकी वास्तुकला द्रविड़ शैली में है और यह UNESCO विश्व धरोहर स्थल में शामिल है।
3. खजुराहो मंदिर (मध्य प्रदेश)
निर्माण काल: 950-1050 ईस्वी
निर्माता: चंदेल राजवंश
विशेषता: खजुराहो के मंदिर अपनी सुंदर नक्काशी और कामुक मूर्तियों के लिए प्रसिद्ध हैं। इनमें देवी-देवताओं, मानव आकृतियों और प्रकृति के दृश्य अद्वितीय कला के उदाहरण हैं।
4. मीनाक्षी मंदिर (मदुरै, तमिलनाडु)
निर्माण काल: 6वीं सदी से 12वीं सदी तक विस्तार
विशेषता: यह मंदिर देवी मीनाक्षी और भगवान शिव को समर्पित है। मंदिर के गोपुरम (द्वार) पर विस्तृत नक्काशी है, जो द्रविड़ वास्तुकला का बेजोड़ उदाहरण है।
5. महाबलीपुरम का शोर मंदिर (तमिलनाडु)
निर्माण काल: 8वीं सदी निर्माता: पल्लव राजवंश के राजा नरसिंहवर्मन II
विशेषता: बंगाल की खाड़ी के किनारे बना यह मंदिर शिव और विष्णु को समर्पित है। यह मंदिर समुद्र के किनारे होने के कारण ‘शोर मंदिर’ कहलाता है।
6. सोमनाथ मंदिर (गुजरात)
निर्माण काल: प्राचीन काल, फिर कई बार पुनर्निर्माण
विशेषता: यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। इसे कई बार आक्रमणकारियों ने तोड़ा, लेकिन इसका बार-बार पुनर्निर्माण किया गया। यह भारत के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है।
7. कैलाश मंदिर (एलोरा, महाराष्ट्र)
निर्माण काल: 8वीं सदी निर्माता: राष्ट्रकूट राजा कृष्ण I
विशेषता: इस मंदिर का निर्माण पहाड़ को काटकर किया गया है और यह एक ही शिला से निर्मित है। इसका वास्तुशिल्प अद्भुत और प्रभावशाली है।
8. जगन्नाथ मंदिर (पुरी, ओडिशा):
निर्माण काल: 12वीं सदी
निर्माता: गंग वंश के राजा अनंतवर्मन चोडगंग देव
विशेषता: यह मंदिर भगवान जगन्नाथ (विष्णु) को समर्पित है और इसे चार धामों में से एक माना जाता है। इस मंदिर की विशेषता इसकी रथ यात्रा है जो हर साल लाखों श्रद्धालुओं को आकर्षित करती है।
भारत के प्राचीन मंदिरों का इतिहास धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर से भरपूर है। ये मंदिर न केवल आध्यात्मिक स्थल हैं, बल्कि भारतीय सभ्यता, विज्ञान, कला, और संस्कृति के प्रतीक भी हैं।